४५ वर्ष की आयु में अगर हमारा वज़न ८७ किलो हो.. और जो मात्र २ महीनों में घटकर ७५ किलो हो जाए.. वो भी बिना उपवास व भूखे ..संतुलित आहार लेते हुए..तो चाहे लोग इसे असम्भव कृत्य कहें ... पर मैं तो इसे "सपनों का सच" होना ही कहूँगा ... ये सपना मैंने देखा और इसे सच किया मैम Shweta Gelani Chhabra ने ... धन्यवाद मैम.. जो आपने मुझे मेरे सपनों की इस छरहरी काया को मूर्त रूप प्रदान किया..धन्यवाद मेरे प्रश्नों के उन उत्तरों के लिए .. जो आपने निरंतर बिना किसी झुँझलाहट के और समय, बेसमय दिए..धन्यवाद मुझे मिली उन प्रशंसा भरी टिप्पणियों के लिए... जिनकी असली हक़दार आप ही हैं.... आपकी इन नियामतों का आभार कहने के लिए वस्तुतः मुझे शब्द ही नहीं मिल पा रहे... पर मैं इतना ज़रूर कहूँगा कि ... शानदार, ज़बरजस्त , ज़िंदाबाद .. थैंक्स अगेन Shweta Gelani Chhabra